Saturday, June 15, 2013

जब तक जिन्दा हूँ जी लेने दो

बस कुछ वक़्त की कहानी है ये,
या उफनती मौजो की रवानी है ये,
जब तक जिन्दा हूँ जी लेने दो,
वरना मौत आने तक की कहानी है ये,

किसी की याद आना बार बार,
या दिल का भर आना बार बार,
ये तो किस्सों का सिलसिला भर है,
या पानी का गिरना भर है,

चलो भाग चलते है,
इन यादों से दूर कही,
शायद मौत से आगे तक कही,
शायद ये जिन्दा रहने की निशानी भर है,

जब तक जिन्दा हूँ जी लेने दो,
वरना मौत आने तक की कहानी भर है.


||साकेत श्रीवास्तवा||
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